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विश्वासघात, बेईमानी और स्वकेन्द्रीयता नहेरुवीयनोंकी और नहेरुवीयन पक्षकी परंपरा है
Posted in માનવીય સમસ્યાઓ, tagged गरीबी, चरणसिंह, नहेरुवीयन, मोरारजी, राजीव, सरदार पटेल, सिमला, सोनीया on February 23, 2012| Leave a Comment »
विश्वासघात, बेईमानी और स्वकेन्द्रीयता नहेरुवीयनोंकी और नहेरुवीयन पक्षकी परंपरा है
अगर कोई नहेरुवीयन कोंग्रेस पर विश्वास करता है तो वह या तो गद्दार और स्वकेन्द्री है या तो वह बेवकुफ है. नहेरुवीयन कोंग्रेस के साथी पक्ष (भूत और वर्तमान दोनों) कोंग्रेसके समान ही है. वे भी उसी प्रकार विश्वसनीय नहीं है, चाहे वे नहेरुवीयन कोंग्रेसका विरोध करें या न करें, जनताको इनका विश्वास कभी भी करना नहीं चाहिये.
नहेरुवीयन कोंग्रेसका काम हमेशा जनताका विभाजन करनेका रहा है, चाहे देशका विनाश क्यों न हो जाय. नहेरुवीयन कोंग्रेसने एक भी वचनका पालन नहीं किया है.
कोंग्रेसने निम्नलिखित वचन या तो प्रतिज्ञाएं लि थी.
१९४७ देशमें घी दूधकी नदीयां बहायेंगे (नहेरु). व्यंढ
१९५० देशकी अखंडित ता का रक्षण करेंग.(जब सरदार पटेलने नहेरुको चिनी भयसे चेतावनी दी तब नहेरुने वचन दिया था) व्यंढ
१९६० चीनसे कोई भय नहीं है. हम तैयार है. (नहेरु ने पार्लामेन्टको विश्वास दिलाया)व्यंढ
१९६३ नहेरुकी विदेश नीतिकी चीनके साथ युद्धमें भारतकी शर्मनाक पराजयके बाद नहेरुने और उसके पक्षने भारतीय संसदके सामने प्रण लिया कि, वे चीनद्वारा छीनी हुई भारतीय भूमिको वापस लेनेके लिये बिना चैनसे बैठेंगे नहीं (नहेरु १९६३)व्यंढ
१९६९ गरीबी हटायेंगे (ईन्दीरा)और स्मग्लींगमें पूरबहार हुई. गुन्डागर्दी का शासन चालु हुआ. व्यंढ
१९७१ अगर पाकसे युद्ध होगा तो जिता हुआ मुल्क वापस नहीं देंगे, पाक घुसपैठोंको (जो एक करोड से ज्यादा थे) वापस करेंगे, जुर्माना वसुल करेंगे, खर्च वसुल करेंगे … (ईन्दीरा और जगजिवनराम)
आजतक ३०० से ज्यादा भारतीय जवान, पाकमें बंधक है जो उसने रिहा नहीं किया.
ईन्दीराने पाकिस्तानके नब्बे हजार सैनिक-बंधकोंको तूरंत रिहा कर दिया था. (व्यंढ)
१९७२ एक भी घुसपैठ को वापस नहीं किया. ईन्दीराने सब बंधक पाक सैनिकोंको (९०,०००) बेशर्त रीहा किया, जिता हुआ सभी मुल्क वापस किया, कुछ भी पेनल्टी या खर्च वसुल नहीं किया. (ईन्दीरा ने सिमला करारके अंतर्गत भारतीय सैन्यकी विजयको खतरनाक पराजयमें परिवर्तित की) कौभान्डोंकी परंपरा शुरु हुई. (व्यंढ)
१९७५ ईलाहाबाद उच्चन्यायालयके सामने ईन्दीराने १४ दफा जुठ बोला. ईलाहाबाद उच्चन्यायालयने ईन्दीरागांधीका चूनाव रद किया और ईन्दीरा को अयोग्य घोषित किया.
१९७५ ईन्दीराने सभी क्षेत्रोंमें विफलताके कारण ईमर्जेसी लादी और लोकशाहीका खून किया. जब ईमर्जेन्सी फेलहुई तो चूनाव देना पडा. इमर्जेन्सी अंतर्गत दीये हुए सभी घोषणाएं जूठ थी.
१९७९ चरणसिंह चौधरीको साथ सहकार देनेका विश्वास दीया, और मोरारजी देसाईकी विशुद्ध सकरकारको गिराई. फिर चरण सिंहका विश्वासघात कीया.
१९८० काम करती सरकारका वादा दिया और भीन्दराणवालेको संत की उपाधी दी. पंजाबमें अराजकता फैली, कई कौभान्ड हुए, नक्षलवाद और गुन्डागर्दी फुलीफाली.
१९८४ भारतको २१वीं सदीमें ले जानेका वादा किया (राजीव गांधी) आज भी ६० करोड जनता की रोजाना आय २० रुपयेसे कम है. कौभान्ड चालु रहे. फोडरस्केम, लोटरी, बोफ्फोर, आतंकवाद, मुस्लिम आतंकवाद.
१९९० कश्मिरी हिन्दुओंपर अत्याचार कत्ल और निस्काषित.
१९९१ काश्मिरी हिन्दुओंको पूनःस्थापित करेंगे, गरीबी हटायेंगे (नरसिंह राव) व्यंढ. हर्शद महेताका कौभान्ड हुआ. दाउदको फ्री पेसेज दीया
२००४ गरीबी हटायेंगे (सोनीया) व्यंढ प्रतिज्ञा. आतंकवाद नक्षलवाद और माओवादी आतंक पूरबहारमें. नक्षलवाद और माओवादी आतंक
२००९ गरीबी हटायेंगे (सोनीया) व्यंढ प्रतिज्ञा. आतंकवाद नक्षलवाद और माओवादी आतंक पूरबहारमें. अगणित कौभान्ड और चारसौ लाख करोड की रकमसे ज्यादा पैसा नहेरुवीयन कोंग्रेसीयों और उनके साथीयोंके नाम विदेशी बेंको के अवैध खातोंमें जमा. अराजकता और नींभरता की कोई सीमा नहीं.
जो अपना सच्चा नाम तक नहीं बता सकते वे लोगोंकी विश्वसनीयता रसाताल होती है.
शिरीष मोहनलाल दवे