What is expected by the people of India from Narendra Modi
नरेन्द्र मोदी जब प्रधान मंत्री बन जाय, तब भारतीय जनता उनसे क्या अपेक्षा रखती है?
चूनाव आयोग सुधारः (रीफोर्म्स)
कार्यक्षेत्र और भौगोलिक विस्तार
चूनाव आयोग, भूमि और आवास सहयोग विभाग, जनगणना आयोग, स्थावर संपत्ति पंजीकरण (रजीष्ट्रार ओफ को ओपरेटीव सोसाईटीझ, लेन्ड रेकोर्ड), इन सभी कार्यक्षेत्रोंको चूनाव आयोगमें संमिलित किया जायेगा.
इसका नाम रहेगा चूनाव और स्थावर संपत्ति सहयोग आयोग
कृषि सहकारी संस्थाएं और गृह निर्माण सहकारी संस्थाएं, हालमें तो सहयोग संस्था पंजीकर्ता (रजीस्ट्रार ओफ को ओपरेटीव्झ सोसाईटीझ) के कार्य क्षेत्रमें है. न्यायालयके उपर भी जो भार रहेता है इसमें इसके संलग्न किस्से ही ज्यादातर होते है.
चूनाव इन सहयोगी संस्थाओमें भी होते है. सहयोगी संस्था कृषि, और सहयोगी संस्था गृह निर्माण–अनुरक्षणमें, कपट (फ्रॉड), अनीति, और अनियमितता ज्यादा ही रहती है. इन कपट, अनीति और अनियमितताका निर्मूलन करनेके लिये ये सहयोगी संस्थाओंका, उसके सदस्योंका पंजीकरण (रजीष्ट्रेशन ऑफ मेम्बरशीप), विकास और अनुरक्षण (मेन्टेनन्स), समिति (कमीटी) के सदस्योंका चूनाव, और सदस्यताका हस्तांतरण (ट्रन्सफर ऑफ मेम्बरशीप) आदि, चूनाव आयोग के कार्यक्षेत्रमें लाना आवश्यक है.
चूनावमें विस्तार की जनगणना और व्यक्तिकी अनन्यता (आईडेन्टीटी), नागरिकता (सीटीझनशीप), आदि अनिवार्य है. इस लिये जनगणना आयोग भी इसमें संमिलित (मर्ज्ड) होना चाहिये.
चूनाव और जन सहयोग के निम्न लिखित स्तर रहेंगे
राष्ट्रीयस्तर (राष्ट्र) (सर्वोच्च आयुक्त)
राज्य स्तर (राज्य विस्तार) (उच्च आयुक्त)
संसद सदस्य स्तर, (संसद बैठक विस्तार) (जिला आयुक्त)
विधान सदस्य, (स्टेट एसेम्ब्ली बैठक विस्तार) (उपायुक्त)
खंडीय स्तर (वॉर्ड) (सहायक आयुक्त)
बुथ या बुथ समूह (विस्तार ५ से १० बुथ विस्तार या ५००० के आसपास मतदाता) (बुथ अधिकारी)
यह एक उच्च से निम्नस्तर तक बिलकुल स्वतंत्र आयोग रहेगा. इसके कार्यालय, जनसभाखंड और कर्मचारीगण स्थायी होगे.
१.१ हेतुः चूनाव प्रचारमें सुधार, चूनाव खर्च पर पाबंदीः जब तक चूनावी प्रचारमें सुधार नहीं होगा और चूनाव में पैसेका महत्त्व दूर नहीं होगा तब तक नीतिमत्ता वाले और सेवाभावी लोग चूनाव जित पायेंगे नहीं. इसलिये हरेक अभ्यर्थीका (केन्डीडेटका) चूनाव प्रचार खर्च शासन उठायेगा.
१.२ चूनाव आयोग कार्यक्षेत्र सुधारः ५००० मतदाताओंके भौगोलिक विस्तारके आधार पर एक बुथ या बुथ समूह या एक ग्राम्य विस्तार या नगरका एक विभाग में एक राजपत्रित अधिकारी (gazetted officer) होगा.
इस राजपत्रित अधिकारीके पदका नाम बुथ अधिकारी रहेगाः
बुथ अधिकारीका अपने भौगोलिक विस्तारमे निम्न लिखित कर्तव्य और उत्तरदायित्व
पंजीकरणः
अपने विस्तारकी स्थावर (जमीन और मकान आदि) मिल्कतोंका पंजीकरण यह अधिकारी करेगा.
जनगणनाः
निवासीयोंकी नोंध यह अधिकारी करेगा. इस के कारण जनगणना का पंजीकरण अपने आप होता रहेगा. ,
सहकारी संस्था पंजीकरण और संचालनः
सहकारी गृह निर्माण और अनुरक्षण संगठन व कृषि सहकारी संगठन के कारोबार पर अनुश्रवण (मोनीटरींग) और उसका पंजीकरण और नियमन का काम यह अधिकारी करेगा. हरेक सहकारी संस्थाका प्रमूख यह अधिकारी होगा.
यह अधिकारी उपरोक्त संगठनोंके पंजीकरण और संचालन की कार्यवाही करेगा. तद उपरांत यह अधिकारी, उपरोक्त सहकारी संगठनोके सदस्योंका पंजीकरण, सदस्यता का हस्तांतरण, संशोधन, संस्थाका अनुरक्षण–सदस्य–सभा व सामान्य सभा बुलाना और उसका संचालन और कार्यवाहीका अभिलेखन (रेकोर्ड) रखनेका काम करेगा.
ज्यादातर अनियमितता, अनीति और कपट स्थावर संपत्ति और सहकारी संगठन द्वारा ही होते है. ये सब कपट और अनीति बंद हो जायेगी. क्यों कि किसीभी कपट, अनीति और अनियमितता का उत्तरदायित्व (रीस्पोन्सीबीलीटी) इस अधिकारी पर रहेगा.
चूनाव प्रचार निरीक्षण और सभा संचालनः
जनप्रतिनिधित्व के अभ्यर्थीयोंका चूनाव प्रचार सभाओंका संचालन यह अधिकारी करेगा.
यह अधिकारी अपने द्वारा अपने विस्तारमें स्थित, प्रबोधित (सजेस्टेड), सूचित या सुझाये गये स्थान या सभाखंड में आवेदित (एप्लाईड फोर), जनसभाका संचालन करेगा और वक्तव्योंका और प्रचार साहित्यका रेकोर्ड रखेगा.
यह अधिकारी प्रश्नोत्तरी और समान मंचपर (कोमन प्लेटफोर्म) विभिन्न जनप्रतिनिधित्व के अभ्यर्थीयोंकी या उनके द्वारा सूचित व्यक्तियोंकी चर्चासभाओंका संचालन करेगा.
यह अधिकारी सरकार द्वारा संचालित दूरदर्शन पर, और समान मंच पर, सामूहिक और व्यक्तिगत व्याख्यान कार्यक्रम पक्षके अभ्यर्थी और अपक्षीय अभ्यर्थीयों के साथ चर्चा करके कर्यक्रम की अनुसूचना (शीड्युल ओफ प्रोग्राम) जारी करेगा. यह अनुसूचना सरकार वेब साईट पर पर जारी करेगी. प्रचार की यह अनुसूचना सभाखंड और बुथ कार्यालयमें प्रदर्शित रक्खी जायेगी.
हर अभ्यर्थीके चूनाव क्षेत्रकी एक वेब साईट बनाई जायेगी और जन सूची, मतदाता सूची, सदस्यता, हस्तांतरण, समय समय के अभ्यार्थी, अभ्यार्थी परिचय, चूनाव घोषणा, चूनाव और अनुसुचित प्रचार, प्रचार अभियान माहिति, चूनाव परिणाम, ईत्यादि माहिति वेब साईट पर उपलब्ध रहेगी.
१.३ विधेयकमें पारदर्शिता और जनस्विकृति
भारतीय संविधान अनुसार, राजकीय पक्ष और जनता के बीचमें सीधा संबंध नहीं है. निर्वाचित व्यक्ति को जनप्रतिनिधि कहा जाता है. वैसे तो राजकीय पक्षको कई रियायतें मिलती है. इस लिये उनका उत्तरदायित्व बनता है. लेकिन वास्तवमें ऐसा दिखाई देता नहीं है.
जनप्रतिनिधिके लिये कोई व्यक्ति आवेदन (प्रार्थनापत्र) दें उसके पहले उसकी लोकप्रियता सिद्ध करने लिये एक प्रारंभिक सर्वेक्षण जरुरी है. पक्ष वाले तो अपना व्यक्ति खुद तय करेंगे और इसमें जरुरत पडने पर क्षेत्रीय अधिकारीकी मदद ले सकते है.
जो व्यक्ति अपक्ष है वह कितना लोकप्रिय है यह सुनिश्चित करने के लिये क्षेत्रीय अधिकारी बुथ अधिकारीयोंकी मददसे एक प्राथमिक सर्वेक्षण करवायेगा. और उनमें जो सर्व प्रथम पांच निर्वाचित बनेंगे वे ही अंतीम चूनावमें भाग ले सकते हैं.
१.४ पक्षीय या अपक्षीय अभ्यार्थीका नीति–घोषणा (ईलेक्सन मेनीफेस्टो) पत्रः
जो विषय घोषणा पत्रमें संमिलित नहीं है उस विषय पर कोई जनप्रतिनिधि विधेयक (बील) ला सकता नहीं है. क्यों कि यह जनताके सामने पारदर्शिता नहीं है.
विधेयक का प्रारुप (ड्राफ्ट ओफ थे बील)
जो भी व्यक्ति या पक्ष या पक्षकी व्यक्ति जो जनप्रतिनिधित्व के लिये अभ्यार्थी है, वह अगर चूना गया तो अपने आगामी कार्यकालमें क्या क्या विधेयक लानेवाला है उसका प्रारुप क्षेत्रीय अधिकारी के पास उसको प्रस्तूत करना पडेगा. कोई भी अभ्यार्थीने या अगर उसके पक्षने ऐसा विधेयक का प्रारुप प्रस्तुत (सबमीट) करवाया नहीं है, तो ऐसा विधेयक वह सभामें (संसद, विधानसभा, परिषद, या कोई भी विधेयक पारित करनेका वाली अधिकृत सभा) प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है.
हालमें व्यवस्था ऐसी है कि जनप्रतिनिधि का पक्ष विधेयकका प्रारुप शासन ग्रहण करनेके पश्चात अपने कार्यकाल दरम्यान बनाती है और परिषद में प्रस्तुत करके पारित (पास) करवाती है. वास्तवमें जनताके साथ यह एक बेईमानी है. जनताकी आवाज इसमें प्रतिबिंबित होती नहीं है. इतना ही नहीं इस प्रक्रीयामें पारदर्शिता नहीं है.
आपात स्थितिमें विधेयक
अगर आपात स्थितिमें कोई विधेयक की जरुरत आ पडी तो, राष्ट्रीय चूनाव आयूक्त ऐसे विधेयकके प्रारुपको जनताके सामने प्रसिद्ध करेगा और “हां”, “ना” और “तटस्थ” (यस, नो, कान्ट से) में जनमत लेगा.
अति आपात स्थितिमें विधेयक
अगर अति आपातकालकी स्थिति है तो राष्ट्रपति इसके उपर अपना अभिप्राय देगा और अध्यादेश (ओर्डीनन्स) जारी करेगा. इसको ६ मासमें जनताके सामने रखना पडेगा. अगर जनताने ५०+ प्रतिशतसे “ना” मंजुर किया तो शासक पक्षको सत्ता त्याग करना पडेगा. अगर ऐसा नहीं है तो सरकार चालु रहेगी.
सरघस, बडे विज्ञापन पट्ट, और दिवारों पर लिखने पर पाबंदीः
पक्षका अभ्यार्थी और अपक्ष अभ्यार्थी सिर्फ अपना चूनाव घोषणापत्र (जिसमें विधेयक का प्रारुप संलग्न होगा), अपना अंगत और व्यावसायिक सेवा विवरण (प्रोफाईल), अपनी कार्यशैली (गवर्नन्स स्टाईल) अपने विचार सिद्धांत (स्कुल ऑफ थोट्स एन्ड प्रीन्सीपल्स), और वक्तव्य (प्रवचन) का विवरण दे सकता है. इसका मुद्रण (प्रीन्टींग) खर्च चूनाव आयोग उठायेगा. सभा खर्च भी चूनाव आयोग उठायेगा.
गैर सरकारी दूरदर्शन चेनलों पर चूनाव प्रचारका खर्च अभ्यार्थी के खाते में जायेगा. जितना खर्च सरकार अपने सरकारी दूरदर्शन चेनलों पर करेगी उतना खर्च जनतप्रतिनिधित्वका आभ्यार्थी कर पायेगा.
अगर अभ्यर्थी चाहे तो अपने चूनाव प्रचारकी दृष्यश्राव्य (वीडीयो) कृति (क्लीप) सरकारी दूरदर्शन चेनल को प्रस्तूत कर सकता है. चूनाव आयोग, पक्ष के चूनाव पत्र पर सूचित प्रक्रिया में संमिलित कर देगा. जनता उसको अपनी अनुकुलतामें देख लेगी.
कृषि और आवास सह्योग विभाग
ठीक उसी प्रकार कृषि और आवास सह्योग आयोगको चूनाव आयोगमें संमिलित करके संशोधन करना है.
कृषि और आवास सह्योगी संस्था के विषयमें भी, निविदा (पब्लिक नोटीस), संस्थाका कार्य क्षेत्र, संस्था परिचय, सदस्यताकी पात्रताका मापदंड, संस्था पंजीकरण, सदस्य सूची, सदस्यकी माहिति, विकास और अनुरक्षण की समिति के सदस्यों की के चूनाव प्रक्रीया अनुसूचना और पूरी प्रक्रीया, विकास और अनुरक्षण लेखा (एकाउन्ट) और लेखा परीक्षा (ऑडीट) विवरण, समिति सभा, सामान्य सभा, सभा घोषणा प्रक्रीया (एकोर्डीग टु ध स्टेच्युटरी प्रोवीझन्स फोर कोलींग फोर मीटींग), वक्तव्य नोंध, आदि सभी व्यवहार बुथ अधिकारी करेगा और सभी प्रक्रिया वेब साईट पर उपलब्ध रहेगी.
प्रकिर्णः
बुथ अधिकारी, व्यक्तिकी अनन्यताका प्रमाणपत्रः
इस क्षेत्रके निवासीकी छबी, कद, जन्म तीथी, आदि और गोपित प्रक्रीयासे रखा हुआ अंगुलीयां छाप, नेत्र छाप, हस्ताक्षर छाप आदि अनन्यताका पंजीकरण क्रमसंख्यावाला अनन्यताका प्रमाणपत्र कार्ड बनायेगा और देगा.
दस्तावेजों का नोटराईझेशन और पंजीकरण
बुथ अधिकारी, स्थानिक दस्तावेजोंका नोटराईझेशन और पंजीकरण करेगा,
बुथ अधिकारी, स्थानिक स्थावर संपत्तिका, सर्वेक्षण, मानचित्र, हस्तांतरण, बंधक विलेख, आदि निष्पादित और पंजीकरण करेगा.
बुथ अधिकारी, स्थानिक व्यक्तिओंकी प्रतिज्ञा पत्र, और जिम्मेवारी पत्र, आदि दस्तावेज निष्पादित करेगा और पंजीकरण करेगा.
स्थान और कार्योंका पंजीकरण
उत्पादन–बिक्री–वहन–सूचना–शिक्षण–व्यापारी–सेवा–अभिकरण आदि संस्था, व्यक्ति, व्यक्ति समूह को अपना कार्यस्थल, स्थानांतरण, हस्तांतरण और कर्मचारीके विवरण का एक सूचित आवेदन पत्र प्रस्तूत करना पडेगा और उसका पंजीकरण करवाना पडेगा. बुथ अधिकारी एक आधारभूत वेब साईट रखेगी और एक मानचित्र के अंतर्गत सभी विवरण जनता देख पायेगी. बुथ अधिकारी इस वेब साईटको अद्यतन रखेगा. जो संस्था व्यक्ति और व्यक्ति समूह, जन लोक के साथ व्यवहार है, उनके बारेमें जनता के प्रति पारदर्शिता होनी चाहिये.
यह एक रुपरेखा है और इसको नियमबद्ध भाषामें रखकर भारतीय संविधानमें सामेल करना है.
शिरीष मोहनलाल दवे
टेग्झः चूनाव आयोग, संशोधन, सुधार, जन, मतदार, सर्वेक्षण, जनप्रतिनिधि, पंजीकरण, अनन्यता, प्रमाणपत्र, जनगणना, क्षेत्र, विधेयक, अभ्यर्थी, आवेदक, आवेदन, राजपत्रित, अधिकारी, बुथ, खंड, जिला, तहेसील, उच्च, सर्वोच्च, ग्राम, नगर, स्थावर, संपत्ति, सदस्य, सदस्यता, हस्तांतरण, कृषि, मानचित्र, खर्च, लेखा, विवरण, बंधक विलेख, परीक्षा,
Very good thoughts.
One may add
Indian Languages script simplification which may allow all regional states to learn Hindi in India’s simplest nukta and shirorekha free Gujanagari script or in Roman script resembling old Brahmi script.
If Pakistan can learn Hindi in Urdu script why can’t India’s regional states can do the same in their state script or via script converter?
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Yes, Mr. Patel, you are correct. I know that I have not written in simple Hindi. For that there are two reasons.
Many persons do not like if the technical terms recognized by the government are not used and the normal words which are being used in movies and normal talks are used.
Further, the recognized technical terms since we are not using, we feel these terms are some what difficult and strange.
I have tried to show the English words side by side at the time when it appears first time.
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I know that I have not written in simple Hindi. For that there are two reasons……….
Mr. Dave,
You don’t need to write in simple Hindi but you can write same Hindi article in shirorekha free Gujanagari script for Gujarati readers.
Here is a transliteration in Gujanagari Script.
નરેન્દ્ર મોદી જબ પ્રધાન મંત્રી બન જાય, તબ ભારતીય જનતા ઉનસે ક્યા અપેક્ષા રખતી હૈ?
ચૂનાવ આયોગ સુધારઃ (રીફોર્મ્સ)
કાર્યક્ષેત્ર ઔર ભૌગોલિક વિસ્તાર
ચૂનાવ આયોગ, ભૂમિ ઔર આવાસ સહયોગ વિભાગ, જનગણના આયોગ, સ્થાવર સંપત્તિ પંજીકરણ (રજીષ્ટ્રાર ઓફ કો ઓપરેટીવ સોસાઈટીઝ, લેન્ડ રેકોર્ડ), ઇન સભી કાર્યક્ષેત્રોંકો ચૂનાવ આયોગમેં સંમિલિત કિયા જાયેગા.
ઇસકા નામ રહેગા ચૂનાવ ઔર સ્થાવર સંપત્તિ સહયોગ આયોગ
કૃષિ સહકારી સંસ્થાએં ઔર ગૃહ નિર્માણ સહકારી સંસ્થાએં, હાલમેં તો સહયોગ સંસ્થા પંજીકર્તા (રજીસ્ટ્રાર ઓફ કો ઓપરેટીવ્ઝ સોસાઈટીઝ) કે કાર્ય ક્ષેત્રમેં હૈ. ન્યાયાલયકે ઉપર ભી જો ભાર રહેતા હૈ ઇસમેં ઇસકે સંલગ્ન કિસ્સે હી જ્યાદાતર હોતે હૈ.
ચૂનાવ ઇન સહયોગી સંસ્થાઓમેં ભી હોતે હૈ. સહયોગી સંસ્થા કૃષિ, ઔર સહયોગી સંસ્થા ગૃહ નિર્માણ-અનુરક્ષણમેં, કપટ (ફ્રૉડ), અનીતિ, ઔર અનિયમિતતા જ્યાદા હી રહતી હૈ. ઇન કપટ, અનીતિ ઔર અનિયમિતતાકા નિર્મૂલન કરનેકે લિયે યે સહયોગી સંસ્થાઓંકા, ઉસકે સદસ્યોંકા પંજીકરણ (રજીષ્ટ્રેશન ઑફ મેમ્બરશીપ), વિકાસ ઔર અનુરક્ષણ (મેન્ટેનન્સ), સમિતિ (કમીટી) કે સદસ્યોંકા ચૂનાવ, ઔર સદસ્યતાકા હસ્તાંતરણ (ટ્રન્સફર ઑફ મેમ્બરશીપ) આદિ, ચૂનાવ આયોગ કે કાર્યક્ષેત્રમેં લાના આવશ્યક હૈ.
ચૂનાવમેં વિસ્તાર કી જનગણના ઔર વ્યક્તિકી અનન્યતા (આઈડેન્ટીટી), નાગરિકતા (સીટીઝનશીપ), આદિ અનિવાર્ય હૈ. ઇસ લિયે જનગણના આયોગ ભી ઇસમેં સંમિલિત (મર્જ્ડ) હોના ચાહિયે.
ચૂનાવ ઔર જન સહયોગ કે નિમ્ન લિખિત સ્તર રહેંગે
રાષ્ટ્રીયસ્તર (રાષ્ટ્ર) (સર્વોચ્ચ આયુક્ત)
રાજ્ય સ્તર (રાજ્ય વિસ્તાર) (ઉચ્ચ આયુક્ત)
સંસદ સદસ્ય સ્તર, (સંસદ બૈઠક વિસ્તાર) (જિલા આયુક્ત)
વિધાન સદસ્ય, (સ્ટેટ એસેમ્બ્લી બૈઠક વિસ્તાર) (ઉપાયુક્ત)
ખંડીય સ્તર (વૉર્ડ) (સહાયક આયુક્ત)
બુથ યા બુથ સમૂહ (વિસ્તાર ૫ સે ૧૦ બુથ વિસ્તાર યા ૫૦૦૦ કે આસપાસ મતદાતા) (બુથ અધિકારી)
યહ એક ઉચ્ચ સે નિમ્નસ્તર તક બિલકુલ સ્વતંત્ર આયોગ રહેગા. ઇસકે કાર્યાલય, જનસભાખંડ ઔર કર્મચારીગણ સ્થાયી હોગે.
૧.૧ હેતુઃ ચૂનાવ પ્રચારમેં સુધાર, ચૂનાવ ખર્ચ પર પાબંદીઃ જબ તક ચૂનાવી પ્રચારમેં સુધાર નહીં હોગા ઔર ચૂનાવ મેં પૈસેકા મહત્ત્વ દૂર નહીં હોગા તબ તક નીતિમત્તા વાલે ઔર સેવાભાવી લોગ ચૂનાવ જિત પાયેંગે નહીં. ઇસલિયે હરેક અભ્યર્થીકા (કેન્ડીડેટકા) ચૂનાવ પ્રચાર ખર્ચ શાસન ઉઠાયેગા.
૧.૨ ચૂનાવ આયોગ કાર્યક્ષેત્ર સુધારઃ ૫૦૦૦ મતદાતાઓંકે ભૌગોલિક વિસ્તારકે આધાર પર એક બુથ યા બુથ સમૂહ યા એક ગ્રામ્ય વિસ્તાર યા નગરકા એક વિભાગ મેં એક રાજપત્રિત અધિકારી (gazetted officer) હોગા.
ઇસ રાજપત્રિત અધિકારીકે પદકા નામ બુથ અધિકારી રહેગાઃ
બુથ અધિકારીકા અપને ભૌગોલિક વિસ્તારમે નિમ્ન લિખિત કર્તવ્ય ઔર ઉત્તરદાયિત્વ
પંજીકરણઃ
અપને વિસ્તારકી સ્થાવર (જમીન ઔર મકાન આદિ) મિલ્કતોંકા પંજીકરણ યહ અધિકારી કરેગા.
જનગણનાઃ
નિવાસીયોંકી નોંધ યહ અધિકારી કરેગા. ઇસ કે કારણ જનગણના કા પંજીકરણ અપને આપ હોતા રહેગા. ,
સહકારી સંસ્થા પંજીકરણ ઔર સંચાલનઃ
સહકારી ગૃહ નિર્માણ ઔર અનુરક્ષણ સંગઠન વ કૃષિ સહકારી સંગઠન કે કારોબાર પર અનુશ્રવણ (મોનીટરીંગ) ઔર ઉસકા પંજીકરણ ઔર નિયમન કા કામ યહ અધિકારી કરેગા. હરેક સહકારી સંસ્થાકા પ્રમૂખ યહ અધિકારી હોગા.
યહ અધિકારી ઉપરોક્ત સંગઠનોંકે પંજીકરણ ઔર સંચાલન કી કાર્યવાહી કરેગા. તદ ઉપરાંત યહ અધિકારી, ઉપરોક્ત સહકારી સંગઠનોકે સદસ્યોંકા પંજીકરણ, સદસ્યતા કા હસ્તાંતરણ, સંશોધન, સંસ્થાકા અનુરક્ષણ-સદસ્ય-સભા વ સામાન્ય સભા બુલાના ઔર ઉસકા સંચાલન ઔર કાર્યવાહીકા અભિલેખન (રેકોર્ડ) રખનેકા કામ કરેગા.
જ્યાદાતર અનિયમિતતા, અનીતિ ઔર કપટ સ્થાવર સંપત્તિ ઔર સહકારી સંગઠન દ્વારા હી હોતે હૈ. યે સબ કપટ ઔર અનીતિ બંદ હો જાયેગી. ક્યોં કિ કિસીભી કપટ, અનીતિ ઔર અનિયમિતતા કા ઉત્તરદાયિત્વ (રીસ્પોન્સીબીલીટી) ઇસ અધિકારી પર રહેગા.
ચૂનાવ પ્રચાર નિરીક્ષણ ઔર સભા સંચાલનઃ
જનપ્રતિનિધિત્વ કે અભ્યર્થીયોંકા ચૂનાવ પ્રચાર સભાઓંકા સંચાલન યહ અધિકારી કરેગા.
યહ અધિકારી અપને દ્વારા અપને વિસ્તારમેં સ્થિત, પ્રબોધિત (સજેસ્ટેડ), સૂચિત યા સુઝાયે ગયે સ્થાન યા સભાખંડ મેં આવેદિત (એપ્લાઈડ ફોર), જનસભાકા સંચાલન કરેગા ઔર વક્તવ્યોંકા ઔર પ્રચાર સાહિત્યકા રેકોર્ડ રખેગા.
યહ અધિકારી પ્રશ્નોત્તરી ઔર સમાન મંચપર (કોમન પ્લેટફોર્મ) વિભિન્ન જનપ્રતિનિધિત્વ કે અભ્યર્થીયોંકી યા ઉનકે દ્વારા સૂચિત વ્યક્તિયોંકી ચર્ચાસભાઓંકા સંચાલન કરેગા.
યહ અધિકારી સરકાર દ્વારા સંચાલિત દૂરદર્શન પર, ઔર સમાન મંચ પર, સામૂહિક ઔર વ્યક્તિગત વ્યાખ્યાન કાર્યક્રમ પક્ષકે અભ્યર્થી ઔર અપક્ષીય અભ્યર્થીયોં કે સાથ ચર્ચા કરકે કર્યક્રમ કી અનુસૂચના (શીડ્યુલ ઓફ પ્રોગ્રામ) જારી કરેગા. યહ અનુસૂચના સરકાર વેબ સાઈટ પર પર જારી કરેગી. પ્રચાર કી યહ અનુસૂચના સભાખંડ ઔર બુથ કાર્યાલયમેં પ્રદર્શિત રક્ખી જાયેગી.
હર અભ્યર્થીકે ચૂનાવ ક્ષેત્રકી એક વેબ સાઈટ બનાઈ જાયેગી ઔર જન સૂચી, મતદાતા સૂચી, સદસ્યતા, હસ્તાંતરણ, સમય સમય કે અભ્યાર્થી, અભ્યાર્થી પરિચય, ચૂનાવ ઘોષણા, ચૂનાવ ઔર અનુસુચિત પ્રચાર, પ્રચાર અભિયાન માહિતિ, ચૂનાવ પરિણામ, ઈત્યાદિ માહિતિ વેબ સાઈટ પર ઉપલબ્ધ રહેગી.
૧.૩ વિધેયકમેં પારદર્શિતા ઔર જનસ્વિકૃતિ
ભારતીય સંવિધાન અનુસાર, રાજકીય પક્ષ ઔર જનતા કે બીચમેં સીધા સંબંધ નહીં હૈ. નિર્વાચિત વ્યક્તિ કો જનપ્રતિનિધિ કહા જાતા હૈ. વૈસે તો રાજકીય પક્ષકો કઈ રિયાયતેં મિલતી હૈ. ઇસ લિયે ઉનકા ઉત્તરદાયિત્વ બનતા હૈ. લેકિન વાસ્તવમેં ઐસા દિખાઈ દેતા નહીં હૈ.
જનપ્રતિનિધિકે લિયે કોઈ વ્યક્તિ આવેદન (પ્રાર્થનાપત્ર) દેં ઉસકે પહલે ઉસકી લોકપ્રિયતા સિદ્ધ કરને લિયે એક પ્રારંભિક સર્વેક્ષણ જરુરી હૈ. પક્ષ વાલે તો અપના વ્યક્તિ ખુદ તય કરેંગે ઔર ઇસમેં જરુરત પડને પર ક્ષેત્રીય અધિકારીકી મદદ લે સકતે હૈ.
જો વ્યક્તિ અપક્ષ હૈ વહ કિતના લોકપ્રિય હૈ યહ સુનિશ્ચિત કરને કે લિયે ક્ષેત્રીય અધિકારી બુથ અધિકારીયોંકી મદદસે એક પ્રાથમિક સર્વેક્ષણ કરવાયેગા. ઔર ઉનમેં જો સર્વ પ્રથમ પાંચ નિર્વાચિત બનેંગે વે હી અંતીમ ચૂનાવમેં ભાગ લે સકતે હૈં.
૧.૪ પક્ષીય યા અપક્ષીય અભ્યાર્થીકા નીતિ-ઘોષણા (ઈલેક્સન મેનીફેસ્ટો) પત્રઃ
જો વિષય ઘોષણા પત્રમેં સંમિલિત નહીં હૈ ઉસ વિષય પર કોઈ જનપ્રતિનિધિ વિધેયક (બીલ) લા સકતા નહીં હૈ. ક્યોં કિ યહ જનતાકે સામને પારદર્શિતા નહીં હૈ.
વિધેયક કા પ્રારુપ (ડ્રાફ્ટ ઓફ થે બીલ)
જો ભી વ્યક્તિ યા પક્ષ યા પક્ષકી વ્યક્તિ જો જનપ્રતિનિધિત્વ કે લિયે અભ્યાર્થી હૈ, વહ અગર ચૂના ગયા તો અપને આગામી કાર્યકાલમેં ક્યા ક્યા વિધેયક લાનેવાલા હૈ ઉસકા પ્રારુપ ક્ષેત્રીય અધિકારી કે પાસ ઉસકો પ્રસ્તૂત કરના પડેગા. કોઈ ભી અભ્યાર્થીને યા અગર ઉસકે પક્ષને ઐસા વિધેયક કા પ્રારુપ પ્રસ્તુત (સબમીટ) કરવાયા નહીં હૈ, તો ઐસા વિધેયક વહ સભામેં (સંસદ, વિધાનસભા, પરિષદ, યા કોઈ ભી વિધેયક પારિત કરનેકા વાલી અધિકૃત સભા) પ્રસ્તુત નહીં કિયા જા સકતા હૈ.
હાલમેં વ્યવસ્થા ઐસી હૈ કિ જનપ્રતિનિધિ કા પક્ષ વિધેયકકા પ્રારુપ શાસન ગ્રહણ કરનેકે પશ્ચાત અપને કાર્યકાલ દરમ્યાન બનાતી હૈ ઔર પરિષદ મેં પ્રસ્તુત કરકે પારિત (પાસ) કરવાતી હૈ. વાસ્તવમેં જનતાકે સાથ યહ એક બેઈમાની હૈ. જનતાકી આવાજ ઇસમેં પ્રતિબિંબિત હોતી નહીં હૈ. ઇતના હી નહીં ઇસ પ્રક્રીયામેં પારદર્શિતા નહીં હૈ.
આપાત સ્થિતિમેં વિધેયક
અગર આપાત સ્થિતિમેં કોઈ વિધેયક કી જરુરત આ પડી તો, રાષ્ટ્રીય ચૂનાવ આયૂક્ત ઐસે વિધેયકકે પ્રારુપકો જનતાકે સામને પ્રસિદ્ધ કરેગા ઔર “હાં”, “ના” ઔર “તટસ્થ” (યસ, નો, કાન્ટ સે) મેં જનમત લેગા.
અતિ આપાત સ્થિતિમેં વિધેયક
અગર અતિ આપાતકાલકી સ્થિતિ હૈ તો રાષ્ટ્રપતિ ઇસકે ઉપર અપના અભિપ્રાય દેગા ઔર અધ્યાદેશ (ઓર્ડીનન્સ) જારી કરેગા. ઇસકો ૬ માસમેં જનતાકે સામને રખના પડેગા. અગર જનતાને ૫૦+ પ્રતિશતસે “ના” મંજુર કિયા તો શાસક પક્ષકો સત્તા ત્યાગ કરના પડેગા. અગર ઐસા નહીં હૈ તો સરકાર ચાલુ રહેગી.
સરઘસ, બડે વિજ્ઞાપન પટ્ટ, ઔર દિવારોં પર લિખને પર પાબંદીઃ
પક્ષકા અભ્યાર્થી ઔર અપક્ષ અભ્યાર્થી સિર્ફ અપના ચૂનાવ ઘોષણાપત્ર (જિસમેં વિધેયક કા પ્રારુપ સંલગ્ન હોગા), અપના અંગત ઔર વ્યાવસાયિક સેવા વિવરણ (પ્રોફાઈલ), અપની કાર્યશૈલી (ગવર્નન્સ સ્ટાઈલ) અપને વિચાર સિદ્ધાંત (સ્કુલ ઑફ થોટ્સ એન્ડ પ્રીન્સીપલ્સ), ઔર વક્તવ્ય (પ્રવચન) કા વિવરણ દે સકતા હૈ. ઇસકા મુદ્રણ (પ્રીન્ટીંગ) ખર્ચ ચૂનાવ આયોગ ઉઠાયેગા. સભા ખર્ચ ભી ચૂનાવ આયોગ ઉઠાયેગા.
ગૈર સરકારી દૂરદર્શન ચેનલોં પર ચૂનાવ પ્રચારકા ખર્ચ અભ્યાર્થી કે ખાતે મેં જાયેગા. જિતના ખર્ચ સરકાર અપને સરકારી દૂરદર્શન ચેનલોં પર કરેગી ઉતના ખર્ચ જનતપ્રતિનિધિત્વકા આભ્યાર્થી કર પાયેગા.
અગર અભ્યર્થી ચાહે તો અપને ચૂનાવ પ્રચારકી દૃષ્યશ્રાવ્ય (વીડીયો) કૃતિ (ક્લીપ) સરકારી દૂરદર્શન ચેનલ કો પ્રસ્તૂત કર સકતા હૈ. ચૂનાવ આયોગ, પક્ષ કે ચૂનાવ પત્ર પર સૂચિત પ્રક્રિયા મેં સંમિલિત કર દેગા. જનતા ઉસકો અપની અનુકુલતામેં દેખ લેગી.
કૃષિ ઔર આવાસ સહ્યોગ વિભાગ
ઠીક ઉસી પ્રકાર કૃષિ ઔર આવાસ સહ્યોગ આયોગકો ચૂનાવ આયોગમેં સંમિલિત કરકે સંશોધન કરના હૈ.
કૃષિ ઔર આવાસ સહ્યોગી સંસ્થા કે વિષયમેં ભી, નિવિદા (પબ્લિક નોટીસ), સંસ્થાકા કાર્ય ક્ષેત્ર, સંસ્થા પરિચય, સદસ્યતાકી પાત્રતાકા માપદંડ, સંસ્થા પંજીકરણ, સદસ્ય સૂચી, સદસ્યકી માહિતિ, વિકાસ ઔર અનુરક્ષણ કી સમિતિ કે સદસ્યોં કી કે ચૂનાવ પ્રક્રીયા અનુસૂચના ઔર પૂરી પ્રક્રીયા, વિકાસ ઔર અનુરક્ષણ લેખા (એકાઉન્ટ) ઔર લેખા પરીક્ષા (ઑડીટ) વિવરણ, સમિતિ સભા, સામાન્ય સભા, સભા ઘોષણા પ્રક્રીયા (એકોર્ડીગ ટુ ધ સ્ટેચ્યુટરી પ્રોવીઝન્સ ફોર કોલીંગ ફોર મીટીંગ), વક્તવ્ય નોંધ, આદિ સભી વ્યવહાર બુથ અધિકારી કરેગા ઔર સભી પ્રક્રિયા વેબ સાઈટ પર ઉપલબ્ધ રહેગી.
પ્રકિર્ણઃ
બુથ અધિકારી, વ્યક્તિકી અનન્યતાકા પ્રમાણપત્રઃ
ઇસ ક્ષેત્રકે નિવાસીકી છબી, કદ, જન્મ તીથી, આદિ ઔર ગોપિત પ્રક્રીયાસે રખા હુઆ અંગુલીયાં છાપ, નેત્ર છાપ, હસ્તાક્ષર છાપ આદિ અનન્યતાકા પંજીકરણ ક્રમસંખ્યાવાલા અનન્યતાકા પ્રમાણપત્ર કાર્ડ બનાયેગા ઔર દેગા.
દસ્તાવેજોં કા નોટરાઈઝેશન ઔર પંજીકરણ
બુથ અધિકારી, સ્થાનિક દસ્તાવેજોંકા નોટરાઈઝેશન ઔર પંજીકરણ કરેગા,
બુથ અધિકારી, સ્થાનિક સ્થાવર સંપત્તિકા, સર્વેક્ષણ, માનચિત્ર, હસ્તાંતરણ, બંધક વિલેખ, આદિ નિષ્પાદિત ઔર પંજીકરણ કરેગા.
બુથ અધિકારી, સ્થાનિક વ્યક્તિઓંકી પ્રતિજ્ઞા પત્ર, ઔર જિમ્મેવારી પત્ર, આદિ દસ્તાવેજ નિષ્પાદિત કરેગા ઔર પંજીકરણ કરેગા.
સ્થાન ઔર કાર્યોંકા પંજીકરણ
ઉત્પાદન-બિક્રી-વહન-સૂચના-શિક્ષણ-વ્યાપારી-સેવા-અભિકરણ આદિ સંસ્થા, વ્યક્તિ, વ્યક્તિ સમૂહ કો અપના કાર્યસ્થલ, સ્થાનાંતરણ, હસ્તાંતરણ ઔર કર્મચારીકે વિવરણ કા એક સૂચિત આવેદન પત્ર પ્રસ્તૂત કરના પડેગા ઔર ઉસકા પંજીકરણ કરવાના પડેગા. બુથ અધિકારી એક આધારભૂત વેબ સાઈટ રખેગી ઔર એક માનચિત્ર કે અંતર્ગત સભી વિવરણ જનતા દેખ પાયેગી. બુથ અધિકારી ઇસ વેબ સાઈટકો અદ્યતન રખેગા. જો સંસ્થા વ્યક્તિ ઔર વ્યક્તિ સમૂહ, જન લોક કે સાથ વ્યવહાર હૈ, ઉનકે બારેમેં જનતા કે પ્રતિ પારદર્શિતા હોની ચાહિયે.
યહ એક રુપરેખા હૈ ઔર ઇસકો નિયમબદ્ધ ભાષામેં રખકર ભારતીય સંવિધાનમેં સામેલ કરના હૈ.
શિરીષ મોહનલાલ દવે
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Dear Mr. KEN Patelji,
Thank you for your valuable suggestion. Also a lot thanks for taking pain to convert my article in Gujarati Script.
To write Hindi in Gujarati Script is good and advisable.
But the people whose mother tongue is Hindi, they use to write in Dev Nagari Script. I think Gujarati is more developed script than Dev Nagari. Gujarati Script is complete in all respect to cover all types of sound. It should be accepted worldwide not only Hindi speaking people. Roman Script is funny and incomplete to learn any language including English.
My 50 percent friends to whom I forward my article through email would not like Hindi written in Gujarati Script as they have not that habit to read Hindi in that way.
Thank you for your suggestion.
With regards.
Shirish
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My 50 percent friends to whom I forward my article through email would not like Hindi written in Gujarati Script as they have not that habit to read Hindi in that way…………….
First of all Hindi(called Hamari boli,Hindustani)does not have it’s own script and have adopted Sanskrit script by calling it Devanagari .Hindi and Urdu being same languages are divided by scripts having Persian /Sanskrit words.
These Hindi and Urdu friends are not willing to learn any other Indian languages but they like to impose their language on others even though their script is not simple like Gujanagari.
We are taught Hindi via prachar kendro but have we ever try to teach them simple Gujanagari script?
You may tell your friends that an easy way to learn Gujanagari script is to read Hindi in that script.
How many Devanagari scripted languages are disappearing under the influence of Hindi/Urdu being same language?
What happened to three languages state formula?
more here…
https://groups.google.com/forum/?fromgroups=#!topic/netjagat/1gVwO_fg9hI
https://groups.google.com/forum/?fromgroups=#!topic/netjagat/w2uNV_GYttY
Other local languages and dialects
http://en.wikipedia.org/wiki/Languages_of_India
यह एक कृत्रिम भाषा है जिसे अपने घर में, अपने परिवार के बीच, अपने स्वजनों के साथ कोई नहीं बोलता. जो यह मानते और कहते हैं कि उनकी मातृभाषा हिन्दी है, दरअस्ल उनकी भाषाएँ हैं भोजपुरी, मैथिली, मगही, राजस्थानी, ब्रज, अवधी, इत्यादि.
https://www.facebook.com/notes/nisarg-joshi/about-%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A5%80/179187932145268
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